Monday, May 26, 2008

एक अनाम कविता

आपको सांस लेने की स्वतंत्रता है।

आप जो चाहे कर सकते है॥

हर तरह के बंधनों को तोडने के लिए आप आजाद है।

आप जहां जाना चाहे जा सकते है॥

हर दिन आपका है।

जो चाहे बोल सकते है॥

जहां चाहे वहां रात बिता सकते है।

अपनी प्रतिग्या को भंग करने के लिये आप स्वतंत्र है॥

खुद की मुस्कान पर आपका हक है।

किसी भी तरह की शर्त के लिये आप बाजी लगा सकते है॥

लेकिन यह सब करते हुये हमेशा ध्यान रखिए कि किसी ना किसी की नजर आप पर है।