यकरंग उदूॻ के अजीम शायर थे ...कुछ पहेलियां उन्होने लिखी ..दो पहेलियां आपके सामने रख रहा हूं..बुझौवल है आप बताइये...
यकरंग वह घर कौन है , जामें है दस द्वार।
ऐसे घर में जो बसे , वाको क्या इतबार।। (जीव और देह )
यकरंग वह फल कौन है , बिन बोये फरियायँ।
बढत बढत इतने बढे , आखिर को झुक जायँ ।। (स्तन)
Monday, June 16, 2008
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5 comments:
आप ही बता दो..
बाबा रे बाबा! बहुत कठिन पहेली है भाई. हमसे तो नहीं डिकोड हो रही है.
और हाँ, फोटो में जो आपकी दाढ़ी है उसे बौद्धिकों वाली नहीं राज बब्बर वाली बीमारन की दाढ़ी कहा जाता है. बौद्धिकों वाली दाढ़ी या तो फ्रेंच कट या फिर गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से कम से कम एक बित्ता नीचे की तरफ होना चाहिए.
बौद्धिक दिखाने के लिए कृपया अपने चौखटे के ले-आउट में परिवर्त्तन करें! हा हा हा! :)
उडनतस्तरी भइया अभी नही कल बताउंगा ...और विजय सर आप कह रहे है कि कठिन है तो अच्छा नही लगा ...और हाँ बोद्धीकता की बात नही है ..मुझे रेजर से शेविंग करना नही आता ..अगर करता हूं तो तो जगह जगह पर कत्ल के निशान बन जाते है मेरे थोबडे पर इसलिये कभी कभी बनाता हूं ..आप को बताना ही होगा बुझौवल के माने ...नही तो मैं कल बताउंगा ....मैं नही उस शायर के द्वारा बताये गये अथॆ को
chhota bhabhan hai ka re ?
भाई आलोक,
बढीया बुझौवल है।
कृपया jlsindore@gmail.com पर एक संदेश भेजकर आपका email प्रदान करने की कृपा करे।
मै आपको हमारे ब्लाग jlsindore.blogspot.com पर आमंत्रित करना चाहता हू कृपया आमंत्रण स्वीकार करे।
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