Wednesday, July 23, 2008

लोकतंत्र में नोटतंत्र

(इसे कविता नही बल्कि तुकबंदी का स्तरहीन प्रयास समझेंगे )

संसद में सूटकेस
बताओ किस पर करोगे केस
बहुमत की थी रेस
तो फिर भाड में जाये देश .....

4 comments:

vipinkizindagi said...

achcha hai

Udan Tashtari said...

सटीक..वाह!

परेश टोकेकर 'कबीरा' said...

जे.पी. के धोखेबाज चेलो के सहारे।
बुश का सिंह अब मारे दहाड़े।।
चिदंबरम है अब छुट्टे सांड।
देखो शेयर बाजार मारे छलांग।।
अमेंरिकी-इंडियन बडे खुश है आज।
तो फिर भाड में जाये भारत यार।।

Anil said...

Great..