Monday, January 5, 2009

टी.टी.एम यानि ताबडतोड तेल मालिश


खबर है पटना से । मशहूर चिकित्सक और राजनेता सीपी ठाकुर ने नीतिश कुमार को नोबेल पुरस्कार से नवाजने की मांग की है । मिलना भी चाहिये । रेलमंत्री और अब बिहार के मुख्यमंत्री । बिहार अब कुशासन से मुक्त होकर सुशासन की राह चल पडा है । अपराधी बिहार से भाग गये है । चैन और अमन की नयी धारा बह रही है , बिहार बाढ की विभिषीका से मुक्त होकर कृषि के मामले में आत्मनिर्भर होने को है । पटना की सडके हेमा मालिनी की गाल की चिकनाहट से भी चिकनी हो गइ है । मुख्यमंत्री के जनता दरबार की मिसाल तो दानी राजा भोज की दानवीरता और न्याप्रियता को भी तुच्छ बना रही है । और पुलीस प्रशासन के क्या कहने आजादी के दशकों बाद वह जनता के सच्ची सेवक की भूमिका में नजर आ रही है । रामराज्य देने का दिवास्वपन भाजपा ने भले ही देखा हो लेकिन हकीकत की कसौटी पर बीजेपी के छोटे भाई जद यू के करिश्माइ नेता नीतिश कुमार ने यह साबित कर दिया है कि मुश्किल कुछ भी नही सिर्फ वादों और आश्वासनों के पत्थर तो दिल से उछालों यारों। सबकुछ मान लिया जाये तो क्या सचमुच ये सारे तथ्य नीतिश जी को नोबेल पुरस्कार का हकदार बनाते है । वैसे सचमुच अगर इस प्रस्ताव के मसौदे को भारत सरकार स्वीडन भेज दें तो इसका सबसे कडा प्रतिरोध अमरिका के नवनियुक्त सदर बराक ओबामा करेंगे । आप पूछेंगे ऐसा क्यूं। जी हां भले मानस नीतिश जी ने अमरीकी चुनाव के दौरान ये घोषणा कर दी थी कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे अमरीका जाकर हिलेरी क्लिंटन के लिये एनआरआइ बिहारियों से समर्थन मांगेगे। खैर हिलेरी तो चुनाव मैदान से हट गइ। लेकिन विश्वस्त सूत्रों से ये पता चला है कि नीतिशजी के उस बयान से बराक ओबामा अभी भी नाखुश चल रहे है । जब विश्व का परम शक्तिशाली राष्ट्र का मुखिया ही इस रास्ते में अडचन लगा देगा तो भाइ नोबेल पुरस्कार तो भारत कुमार यानि सुशासन बाबू के हाथ में आने से रहा । अब जरा सीपी ठाकुर जी के आग्रह पर गौर फरमाया जाये . तो .लालू जी का मानना है कि लोकसभा चुनावों को देखते हुए पटना की सीट को नीतिश बाबू की तरफ से हरी झंडी मिल जाये तो ठाकुर जी का दावा बीजेपी पर आसानी से दबाब बनाने में काम आएगा । लालू जी ने ठाकुर जी के इस बयान को टी.टी.एम यानि ताबडतोड तेल मालिश कहा है ...आप क्या कहेंगे।